पिछले मार्च महीने में २५ तारीख के 'इंडिया टुडे ' का एक अंक आया 'इंडिया टुडे कान्क्लेभ'। मुख्यत: आंतंकवाद पर केंद्रित इस अंक में 'दलाई लामा' से लेकर पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति 'परवेज मुशर्रफ ' से ले कर 'शाहरुख़ खान' तक के विचार छपे हैं। इन सभी भाषणों में जिन दो भाषणों ने मुझे सर्वाधिक आकृष्ट किया,वे हैं 'दलाई लामा' और 'मौलाना महमूद मदनी' के।
मैं कोई विचारक या आलोचक नहीं हूँ। बस एक सामान्य मनुष्य की तरह अच्छे और बुरे को देखती हूँ। इसलिए बस इतना ही कह सकती हूँ कि 'दलाई लामा' को पढ़ना सुख और शान्ति के बीच से गुजरने जैसा था। उनके भाषण के अन्तिम अंश के वाक्यों में एक वाक्य -"आप धार्मिक सहिष्णुता और अहिंसा के अपने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को अपनाएं"-मेरे विचार से अभी की परस्थिति की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
'मौलाना महमूद मदनी' साहब का भाषण बहुत प्रभावित करता है। यह दिमाग की धुंध साफ़ करने जैसा है। लेकिन उनके भाषण में जो बात मुझे अटक गई वो थी -"मुझसे पूछा जाता है कि मैं इस्लाम से मुहब्बत करता हूँ या इस मुल्क से ? यह एक कठिन सवाल है। अगर मैं कहता हूँ इस्लाम से तो वे मुझे राष्ट्रभक्त नहीं मानेंगे। मुझे हमेशा ही इस्लाम या भारत के प्रति अपनी वफादारी साबित कराने के लिए कहा जाता है। अब मैं कहता हूँ कि मेरी दो आँखे हैं और आप हमें बताएं कि किसे रखूं और किसे फेंक दूँ। लेकिन मैं अपने महजब को प्राथमिकता दूंगा जिसने मेरे अन्दर अपने मादरे वतन की रक्षा के लिए जिंदगी कुर्बान करने का जज्बा दिया ......."।
मैं 'मौलाना मदनी' साहब के विचारों का अत्यन्त आदर करते हुए अपनी तरफ़ से एक बात कहना चाहती हूँ-अगर कोई मुझे दो विकल्प दे, तुम हिंदू रहो लेकिन तुम्हें भारत छोड़ कर किसी और देश में में बस जाना होगा, या , तुम्हें भारत में रहने के लिए कोई दूसरा धर्म स्वीकार करना होगा, तो मैं निश्चित रूप से दूसरा विकल्प स्वीकार कर लुंगी। क्योकि मेरे लिए मेरा देश नि:संदेह मेरे धर्म से बड़ा है। इस विषय में मेरे इक ही आँख है ,वो है 'हिंदुस्तान'।
4 comments:
very nice post
http://www.ashokvichar.blogspot.com
शाहरुख़ खान को पढ़्कर कैसा लगा?? :)
वैसे सही है:
मेरा देश नि:संदेह मेरे धर्म से बड़ा है। इस विषय में मेरे इक ही आँख है ,वो है 'हिंदुस्तान'।
बहुत बढिया पोस्ट है।बधाई।
मुझसे पूछे गर कोई प्रथम धर्म या देश।
देश बचे तो धर्म है सबको यह संदेश।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
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